चीन और पाकिस्तान संयुक्त रूप से बनाए गए लड़ाकू विमान जेएफ-17 को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। इसके मौजूदा वर्जन को हाल ही में नियंत्रण रेखा के पास भारतीय वायुसेना के खिलाफ मुकाबले में इस्तेमाल किया गया था।
चीन की सरकारी मीडिया ने वहां के नेता और चीन-पाकिस्तान के संयुक्त रूप से विकसित किए जा रहे लड़ाकू विमानों के चीफ डिजाइनर के हवाले से बताया है- “जेएफ-17 ब्लॉक्स 3 का उत्पादन और उसे विकसित किया जा रहा है।”
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि जेएफ - 17 विमान का इस्तेमाल 27 फरवरी को नियंत्रण रेखा (एलओसी) पार किए गए हमले में किया गया था। वहीं, भारतीय वायुसेना ने कहा था कि उसने इस हमले के दौरान अमेरिका निर्मित एफ-16 को मार गिराया। ग्लोबल टाइम्स की खबर के मुताबिक जेएफ-17 को अपग्रेड करने का लक्ष्य इस लड़ाकू विमान की ‘इनफोरमेटाइज वारफेयर’ (आईडब्ल्यू) क्षमता को बढ़ाना है।
गौरतलब है कि आईडब्ल्यू एक ऐसी अवधारणा है,जिसमें शत्रु पर बढ़त हासिल करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है। चीनी सेना अक्सर ही आईडब्ल्यू का इस्तेमाल करती है। आधुनिक युद्धों में इसके तहत सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जाता है। जेएफ-17 को पहले एफसी-1 के नाम से जाना जाता था। ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक जेएफ-17 अभी भारत के तेजस और दक्षिण कोरिया के एफए-50 से प्रतिस्पर्धा कर रहा है।