अमेरिका के एयर फोर्स वन की तरह अब भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का 'एयर इंडिया वन' विमान भी अभेद्य किला बन जाएगा. इसके लिए अमेरिका दो मिसाइल रक्षा प्रणाली भारत को बेचने के लिए तैयार हो गया है. भारत लगभग 1357 करोड़ रुपये की लागत में अमेरिका से यह रक्षा प्रणाली खरीदेगा.
अमेरिका के रक्षा मुख्यालय पेंटागन के अनुसार इन रक्षा प्रक्षेपास्त्र प्रणालियों की बिक्री से अमेरिका-भारत के बीच रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे. साथ ही यह अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी बेहतर बनाने में मदद करेगी.अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (सीएससीए) ने बुधवार को अमेरिकी संसद को जानकारी दी कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने ‘लार्ज एयरक्राफ्ट इंफ्रारेड काउंटरमेजर (लैरकैम) और ‘सेल्फ-प्रोटेक्शन सुइट्स’ (एसपीएस) की बिक्री को मंजूरी दे दी है. इस सौदे की अनुमानित लागत 19 करोड़ डॉलर है.
अमेरिका का यह निर्णय ऐसे समय आया है जब हाल ही में भारत सरकार ने लैरकैम और एसपीएस प्रणाली देने के लिए उससे अनुरोध किया था. पेंटागन ने कहा कि यह रक्षा प्रणाली एयर इंडिया वन की सुरक्षा को अमेरिका के एयर फोर्स वन के बराबर ला खड़ा करेगी. इसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री द्वारा उपयोग किए जाने वाले दो बोइंग-777 विमानों में लगाया जाएगा.
भारत सरकार की योजना एयर इंडिया के माध्यम से ऐसे दो बोइंग-777 विमान खरीद करने की है. लैरकैम प्रणाली बड़े विमानों की, मिसाइल प्रणाली से रक्षा करती है. एक बार लगाए जाने के बाद यह प्रणाली विमान के चालक दल को तुरंत चेतावनी देती है और गलत अलार्म बजने की दर को घटाती है.