पटियाला जिला के गांव सालूवाल की रहने वाली कुलवंत कौर का दिमाग कंप्यूटर की तरह दौड़ता है। 55 साल की कुलवंत सिर्फ चौथी कक्षा तक पढ़ी हैं लेकिन उनकी विलक्षण प्रतिभा के कारण लोगों ने उनको 'गूगल बेबे' का नाम दिया है। दरअसल वह भारतीय, सिख इतिहास और धर्मो से जुड़े लगभग हर सवाल का जवाब गूगल से भी पहले दे देती हैं जिसके कारण उनका नाम पड़ गया है 'गूगल बेबे'।
कुलवंत कौर ने डिस्कवरी ऑफ इंडिया, हिस्ट्री ऑफ पंजाब सहित विभिन्न धर्म ग्रंथों का अध्ययन किया है। भारत में आर्यों के आने से लेकर महमूद गजनी के 17 हमलों, अलाउद्दीन खिलजी, सिकंदर- पोरस, चंद्रगुप्त मौर्य, अशोक सम्राट सहित महाराजा रणजीत सिंह, जस्सा सिंह आहलूवालिया, जस्सा सिंह रामगढ़िया आदि राजा महाराजाओं की कहानियां ही नहीं उनके परिवारों की विस्तृत जानकारी भी उनके दिमाग में कंप्यूटर की हार्ड डिस्क की तरह फीड है। यही नहीं, हिंदू, ईसाई, इस्लाम, यहूदी, बोद्ध धर्म की तमाम जानकारी भी उनके पास मिल जाती है और वे अब भी अखबार पढ़ने की शौकीन हैं।
बता दें 'गूगल बेबे' पटियाला की पंजाबी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेकर धर्म अध्ययन विभाग में रिफ्रेशर कोर्स शुरू करेंगी। इसके लिए सरबत दा भला ट्रस्ट के एसपी सिंह ओबराय ने उनकी बात यूनिवर्सिटी के अधिकारियों से करवाई तो उनके प्रश्नों के उत्तर कुलवंत कौर ने तुरंत देकर उन्हें प्रभावित कर दिया जिसके बाद उन्हें दाखिला मिल गया। इतना ही नहीं वह मौका मिलने पर पीएचडी भी करना चाहती हैं।