भारत की स्टार शटलर पीवी सिंधु ने रविवार को वर्ल्ड बैडमिंटन चैम्पियनशिप के फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हरा दिया। सिंधु ने स्विट्जरलैंड के बासेल में हुआ खिताबी मुकाबला 21-7, 21-7 से 38 मिनट में अपने नाम कर लिया। वे इस टूर्नामेंट के 42 साल के इतिहास में चैम्पियन बनने वाली पहली भारतीय बन गईं। सिंधु 2018, 2017 में रजत और 2013, 2014 में कांस्य पदक जीती थीं।
वर्ल्ड चैम्पियनशिप के इतिहास में यह सिर्फ दूसरा मौका होगा, जब भारतीय शटलर दो पदक के साथ स्वेदश लौटेंगे। इससे पहले 2017 में साइना ने कांस्य जीता था। वहीं, सिंधु ने रजत पदक अपने नाम किया था। इस साल सिंधु के अलावा प्रणीत ने भी पदक जीतने में सफल रहे।
सिंधु ने सेमीफाइनल में चीन की चेन यू फेई को 21-7, 21-14 से हराया। इससे पहले क्वार्टरफाइनल में दूसरी सीड ताइपे की ताई जू यिंग को हराया था। सिंधु लगातार तीसरी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचीं थी। इससे पहले 2018 में उन्हें स्पेन की कैरोलिना मरीन और 2017 में जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ खिताबी मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था।
सिंधु वर्ल्ड रैंकिंग में पांचवें और ओकुहारा चौथी स्थान पर हैं। दोनों के बीच अब तक 16 मैच खेले गए। इनमें सिंधु ने 9 बार जीत दर्ज की। ओकुहारा को सिर्फ सात मुकाबलों में सफलता मिली। सिंधु ने दोनों के बीच हुए पिछले मैच में भी जीत हासिल की थी।