सिख धर्म के लोग गुरु नानक देव का जन्मदिन बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। सिख धर्म के संस्थापक गुरुनानक देव की 550वीं जयंती इस वर्ष 12 नवंबर यानी आज मनाई जा रही है। नानक साहिब का जन्म 15 अप्रैल 1469 को पंजाब के तलवंडी में हुआ था, जो कि अब पाकिस्तान में हैं। इस जगह को ननकाना साहिब के नाम से भी जाना जाता है।
गुरु नानक जी ने अपने अनुयायियों को दस उपदेश दिए जो कि सदैव प्रासंगिक बने रहेंगे। गुरु नानक जी की शिक्षा का मूल निचोड़ यही है कि परमात्मा एक, अनन्त, सर्वशक्तिमान और सत्य है। वह सर्वत्र व्याप्त है। मूर्ति−पूजा आदि निरर्थक है। नाम−स्मरण सर्वोपरि तत्त्व है और नाम गुरु के द्वारा ही प्राप्त होता है। गुरु नानक की वाणी भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से ओत−प्रोत है।
गुरु नानक की शिक्षाएं आज भी सही रास्ते में चलने वाले लोगों का मार्ग दर्शन कर रही हैं। इनके अनुयायी इन्हें नानक और नानक देव, बाबा नानक और नानक शाह जी जैसे नामों से संबोधित करते हैं। कई चमत्कारिक घटनाओं की वजह से ये 7-8 साल की उम्र में ही काफी प्रसिद्ध हो गए थे। आइए गुरु नानक जयंती से पहले जानते हैं उनकी 10 बड़ी शिक्षाओं के बारे में...
परम-पिता परमेश्वर एक है।
हमेशा एक ईश्वर की साधना में मन लगाओ।
दुनिया की हर जगह और हर प्राणी में ईश्वर मौजूद हैं।
ईश्वर की भक्ति में लीन लोगों को किसी का डर नहीं सताता।
ईमानदारी और मेहनत से पेट भरना चाहिए।
बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न ही किसी को सताएं।
हमेशा खुश रहना चाहिए, ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा याचना करें।
मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से जरूरत मंद की सहायता करें।
सभी को समान नज़रिए से देखें, स्त्री-पुरुष समान हैं।
भोजन शरीर को जीवित रखने के लिए आवश्यक है. परंतु लोभ-लालच के लिए संग्रह करने की आदत बुरी है।